Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
O Superb Lord, consort of Parvati You might be most merciful . You usually bless the inadequate and pious devotees. Your attractive kind is adorned While using the moon on your own forehead and on your ears are earrings of snakes' hood.
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार shiv chalisa in hindi भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या more info छवि को कहि जात न काऊ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल Shiv chaisa पाहीं॥